राहुल गांधी ने पूर्व यूजीसी अध्यक्ष सुखदेव थोरात के साथ “शासन, शिक्षा और संसाधनों तक समान पहुंच के लिए दलितों के चल रहे संघर्ष” पर चर्चा की।
राहुल गांधी ने कहा
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना की अपनी मांग दोहराते हुए इसे “असमानता और भेदभाव की सच्चाई” सामने लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
गांधी ने यह टिप्पणी एक पोस्ट और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष एवं शिक्षाविद् सुखदेव थोराट के साथ अपनी बातचीत के एक वीडियो में की।
गांधी ने गुरुवार को कहा, “मैंने जाने-माने शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री, दलित मुद्दों के विशेषज्ञ और तेलंगाना में जाति जनगणना पर अध्ययन समिति के सदस्य प्रोफेसर थोराट के साथ महाड़ सत्याग्रह और प्रशासन, शिक्षा, नौकरशाही और संसाधनों तक पहुंच के लिए दलितों के चल रहे संघर्ष पर विस्तृत चर्चा की।”
रायबरेली से कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘20 मार्च 1927 को अंबेडकर ने महाड़ सत्याग्रह के जरिए जातिगत भेदभाव को सीधे चुनौती दी थी।’’ गांधी ने कहा, “यह सिर्फ पानी के अधिकार की लड़ाई नहीं थी, बल्कि समानता और सम्मान की लड़ाई थी। ‘उचित हिस्सेदारी’ के लिए यह लड़ाई, जो 98 साल पहले शुरू हुई थी, अभी भी जारी है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “जाति जनगणना असमानता और भेदभाव की सच्चाई को सामने लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे इसके विरोधी सार्वजनिक नहीं होने देना चाहते हैं। बाबासाहेब का सपना अभी भी अधूरा है। उनकी लड़ाई सिर्फ अतीत के लिए नहीं है, यह आज की लड़ाई भी है – हम इसे पूरी ताकत से लड़ेंगे।”
भाजपा ने राहुल गांधी पर किया पलटवार
भाजपा ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर पलटवार किया। भाजपा नेता सीआर केसवन ने कहा, “राहुल गांधी का योग्यता पर चौंकाने वाला बयान कांग्रेस की भाई-भतीजावादी और सामंती मानसिकता को स्पष्ट रूप से उजागर करता है। वंशवादी कांग्रेस ने हमेशा एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों से संबंधित मेधावी नेताओं का अपमान किया है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में प्रगति की है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ‘दलित विरोधी’ मानसिकता को बढ़ावा दिया है और कांग्रेस पार्टी हमेशा योग्यता को कुचलने की कोशिश करती है।”
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