राज्यपाल के खिलाफ मामले में राहत मिलने के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा को संबोधित किया और फैसले को ‘ऐतिहासिक’ बताया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को राज्य विधेयकों में राज्यपालों की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एक “ऐतिहासिक” निर्णय और भारत में सभी राज्य सरकारों की जीत बताया।
कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को राज्य सरकार द्वारा पारित विधेयकों को दो बार पेश किए जाने के बावजूद मंजूरी न देने और उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजने के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह कदम अनुच्छेद 200 का उल्लंघन है।
सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद स्टालिन ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस फैसले का मतलब है कि राज्यपाल द्वारा रोके गए सभी विधेयकों को अब उनकी मंजूरी मिल गई है और वे अधिनियम बन गए हैं।
पीटीआई ने स्टालिन के हवाले से कहा, “संविधान के अनुसार राज्यपाल को एक बार पारित विधेयक को दूसरी बार मंजूरी देना अनिवार्य है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया… वे देरी भी कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह फैसला न केवल तमिलनाडु बल्कि भारत की सभी राज्य सरकारों की जीत है।” एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बात करते हुए एमके स्टालिन ने कहा कि यह निर्णय राज्य विधानसभाओं के विधायी अधिकारों की पुष्टि करता है।
स्टालिन ने लिखा, “हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आज के ऐतिहासिक फैसले का धन्यवाद और स्वागत करते हैं, जिसमें राज्य विधानसभाओं के विधायी अधिकारों की पुष्टि की गई है और विपक्ष शासित राज्यों में प्रगतिशील विधायी सुधारों को रोकने वाले केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत राज्यपालों की प्रवृत्ति को समाप्त किया गया है।”
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